खबर है अमिताभ बच्चन बिमार हो गये । माना अमिताभ जी एक उतकृष्ट अभिनेता है, उन्होने हिन्दी फिल्म उद्योग को काफी कुछ दिया है। मै उनके स्वस्थ होने और लम्बी उमर की कामना करता हुं।
लेकिन हमारे मिडीया को क्या हो गया है ? हाथ धो कर पिछे पड गया। सीधा प्रसारण शुरू कर दिया, हर मिनिट की जानकारी देना शुरू कर दी। एक बीमार इंसान को यदि घेर लिया जाये तो वह स्वस्थ होने की बजाय और घबरा जायेगा। मरीज तो परेशान ही, मरीज के घरवाले भी परेशान, बाकी मरीज और उनके घरवाले भी परेशान।
समाचार पत्र, टी वी,…
एक सीधी सादी सी लडकी, पढी लीखी लेकिन मध्यम वर्ग से। जिन्दगी बस घर से कार्यालय और कार्यालय से घर। किसी से ज्यादा घुलना मिलना नही, बस काम से मतलब रखना। ज्यादा उंचे ख्वाब नही, जो घर वाले कहे वह पत्थर की लकीर। कोई डांट दे, या किसी की कोई बात बुरी लगे तो रो देना। एक आम भारतीय लडकी।
एक लड़का, वही मध्यम वर्ग से। घर से पहली बार निकला, दुनियादारी क्या होती है नही मालूम। बचपन से लेकर जवानी तक घरवालो की छत्रछाया मे रहा, जिससे थोड़ा लापरवाह। घर मे लड़कों के स्कूल,महाविद्यालय मे पढ़ा और…
हम फिल्मे क्यों देखते है ? अरे भाई मै तो सिर्फ अपने बारे मे बता सकता हुं कि मै फिल्मे क्यों देखता हुं। भगवान की दया से अब तक क्वांरा हु और कोई महिला मित्र है नही, इसलिये अकेले ही देखता हुं। एक जमाना था जब हम यारो के साथ फिल्मे देखा करते थेहै। वैसे यारो के साथ फिल्मे कहां देखते थे, हंगामा करते थे, नैन सुख लेते थे, पॊप कार्न खाते थे और ठंडा पीते थे। मतलब कुल जमा चित्रपट गृह मे फ़िल्म देखने के अलावा हर वो हरकत करते थे जो नयी नयी जवानी मे की जाती है।
फिल्मे अब भी देखते है लेकिन …
अमरीका से वापिस आये हुये २ सप्ताह हो चुके थे, दीपावली पर घर जाने की पूरी तैयारी थी। भला हो भारतीय रेलवे का जो उन्होने इन्द्रजाल के द्वारा यात्रा टिकट उपलब्ध करवा दिये है| अमरीका से निकलने से पहले ही मै अपने टिकट खरीद चुका था। वापिस चेन्नई आने पर टिकट मेरा ईंतजार कर रहे थे। सोचा था कि अब घर जाकर कुछ आराम किया जाये। मेरे साथ मुसीबत यह है कि यदि मै रेल से घर जाउं तो 18 घन्टे लगते है और वायुयान से 14 घन्टे ! चेन्नई से नागपुर सीधी उड़ान नही है, जिससे मुझे मुम्बई होते हुये जाना …
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