अंग्रेजी एक लंबे समय तक मेरे लिये हौवा रही है।इस विदेशी भाषा से लढने और काबू पाने के लिये मुझे एक अरसा लग गया। इस भूत को मैने कैसे काबू मे किया, यह एक लंबी कहानी है....
मेरा बचपन एक गाँव मे बीता है जोकि जिल्हा मुख्यालय से 30 किमी दूरी पर था। गाँव मे आधुनिक सुविधाओं के नाम पर ज़्यादा कुछ नही था, लेकिन बिजली थी, आवागमन के लिये दिन मे राज्य परिवहन निगम की बसे कुछ घंटो के अंतराल पर थी। गाँव के लोग उच्च शिक्षित तो नही थे लेकिन अधिकतर लोग साक्षर थे और अनपढ़ो की संख्या अपेक्षतः स…
आपने तथ्य को संदर्भ से हटकर प्रस्तुत किया है, उस कथन के पहले के दो अंश और बाद के दो अंशों को देखें तो अर्थ कुछ और बनता है।इस कथन में इस शब्द का अर्थ "अलाँ" नही "फ़लाँ" है, इस संदर्भ में अलाँ शब्द का प्रचलित अर्थ का प्रयोग सही नही है। यह गुढ रहस्य वाला ग्रंथ है, इस वाक्य का अर्थ समझने आपको उसके संकेतों को समझना होगा, इन संकेतों को समझने आपको, अलाँ, फ़लाँ और टलाँ ग्रंथ पढ़ना होगा।आपने इस कथन का अर्थ अलाँ की टिका से लिया है आपको इसे फ़लाँ की टिका से पढ़ना चा…
और पढ़ेंमेरा बचपन किताबो के बीच मे बीता है, खिलौनो से ज्यादा पुस्तको से प्यार रहा। यह एक शिक्षक के परिवार मे आने का असर था, शिक्षक भी ऐसे जो अपने विषय ’गणित’ की पुस्तको को छोड़ हर विषय की पुस्तके पढ़ते थे और हमे भी प्रेरित करते थे।
पापा का असर हम पर होना ही था, उनकी लत विरासत मे हमे भी मिली। सबसे पहली पुस्तक जो मैने पढ़ी वह याद नही है लेकिन वह चंपक, चंदामामा या नंदन मे से ही कोई एक होगी।
चंपक,नंदन, चंदामामा, पराग जैसी बाल पत्रिकाओं से प्रारंभ कर पंचतंत्र, जातक कथाये पढ़ी। यह सब पुस्तके…
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