काजल जी ने गांव मे टाई बांधने वाले की धमक के बारे मे पोस्ट डाली है, हम भी अपना ताजा ताजा किस्सा बताते है। पिछले महिने ही कंपनी ने अमरीका के बिजनेस विजा के लिये चेन्नई भेजा। उन्होने धमका के रखा था कि बिजनेस विजा है, 20 साल से काम कर रहे हो शरीफ़ो के जैसे सूट पैंट टाई लगा कर जाना, आफ़िस नही है, जैसे बने वैसे चले आये..!
2013 मे आस्ट्रेलिया से लौटने के बाद टाई नही बांधी थी। फ़ोटो मे तो फोटोग्राफ़र फ़ोटो खींचने के बाद फोटो को टाई, कोट पहना कर बाल भी बना देता था। लेकिन यहाँ तो काउंसले…
17 बरस! प्रवीण से पिछली बार उसकी शादी में 2002 में मिला था। उसके बाद मे कई बार अमरीका आया, प्रवीण भारत आया लेकिन हम लोग किसी ना किसी वजह से मिल नही पाए। इस बार मेरी योजना दो सप्ताह रिचमंड वर्जीनिया, दो सप्ताह प्लानों टेक्सास की थी।
लेकिन मुझे प्लानों में जिससे मिलना था वह कम्पनी छोड़ गया। मेरी पूरी योजना खटाई में।
लेकिन बाद में सोचा कि एक सप्ताह अपनी टीम से ही मिल लेता हूँ। टिकट बुक कराई औऱ पहुंच गए टेक्सास।
प्रवीण पहले दिन खाना लेकर आया जिसको हमने तीन दिन तक खाया। शुक्रवार …
श्रीवास्तव जी, इनबॉक्स में प्रकट हुए , कहने लगे कि तुम कायस्थ हो, पढ़े लिखे हो, अपने धर्म और पूर्वजो के ज्ञान का मजाक उड़ाते हो। चित्रगुप्त वंशजो को शोभा नही देता। पश्चिम में जो भी खोज हो रही है हमारे ग्रंथो में पहले से मौजूद है।
हम उनके आशय को समझ गए और उनका शिकार उन्ही के हथियार से करने की सोची।
हम बोले: आप भी कायस्थ है, घर मे किताबे तो होंगी ही।
वे : बहुत सी है..
हम : वेद तो आपने पढ़े ही होंगे..
वे: ....
हम : अच्छा वेदों का भाष्य, अनुवाद पढ़ा ही होगा।
वे: ....
हम : छोड़िए वेद…
1986-87 का समय होगा, रिलायंस क्रिकेट विश्वकप के आसपास का समय। हम कक्षा 6 में थे। स्कूल से वापिस आने के बाद अंधेरा होते तक झालिया गांव में चौक के पास खेलते थे। चौक पर एक बड़ा बरगद का पेड़ है, वही बसे रुकती है, कुछ चायपान की दुकान, साइकल मरम्मत केंद्र थे। खेलो में वालीबॉल, कबड्डी प्रमुख होते थे, लेकिन अब विश्वकप बुखार की चपेट में आकर क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। अंधेरा होने के बाद सारी मंडली बतियाते हुए तालाब या पास की नहर तक जाते थे, वहां मित्र मंडली नहाने , शौच जैसे काम निप…
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