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माजरा क्या है ?

भई, हम तो समझ ही नही पा रहे हैं माजरा क्या है ? ये क्या हो रहा है हमारे इडिया दैट इज भारत मे ? युँ ही चलता रहा तो हम तो बाल नोंच नोंच के गन्जत्व को प्राप्त हो जायेगें! कोइ हमे समझाए माजरा क्या है ?
Akshargram Anugunj

अभी कल ही कपिलदेव जी बतीया रहे थे, क्या कहा कौन कपिलदेव ? अरे वही कपिल पाजी जो दूरदर्शन पर बिना ग्लीसरीन के रो रहे थे. याद आया कुछ ? हाँ तो कपिलदेव जी बतीया रहे थ कि सचिन को क्रिकेट से सम्मानजनक विदाई ले लेना चाहिये. अब ये मत पुछना ये सम्मानजनक विदाई क्या होती है? ये तो पाजी ही बतायेंगे. आपकी जानकारी के लीये बता दें पाजी ने क्रिकेट से सम्माजनक विदाई ली थी. क्या कहा पाजी ने अपने बयान का खंडन कर दिया, पाजी राजनीती मे कब से आ गये. माजरा क्या है?

बान्गलादेश इस्लामीक आन्तकवादीयों को समर्थन दे रहा है और भारत मे भेज रहा है. ना जी ना, ये गृह मन्त्रालय की रपट नही है. ये बयान बाल ठाकरे का भी नही है. तो फीर सजंय निरूपम ने कहा होगा. ना जी सजंय निरूपम तो अब कांग्रेस मे है, उनके लिये तो अब सारे बांग्लादेशी तो भारतीय हैं जी. और मैडम बुरा मान गयी तों ? अजी अब बता भी दो? क्या ? बुद्धादेव भट्टाचार्य ? पानी पानी.... कोई पानी पीलाओ... ये माजरा क्या है ?

रामु(रामगोपाल वर्मा) की "सरकार" को प्रदर्शन की अनुमती मिल गयी. ना जी सेंसर् बोर्ड की कौन सुनता है. ऐसे भी सेंसर बोर्ड को दिखाओ या न दिखाओ क्या फरक पडता है, 'फिलीम' तो जैसे के वैसे बीना कैंची चले प्रदर्शन के लीए आ जाती है. अपनी फिल्मे भी भारत महान की गरीबी का कितना सच्चा चित्रण करती है, अपनी हिरोइनो के पास पहनने के लिए कपडे ही नही होते. बेचारा सलमान सबसे ज्यादा गरीब है,बेचारा एक शर्ट भी नही पहन पाता. अजी एश के प्यार ने उसको निकम्मा कर दिया, वर्ना वो भी किसी काम का था. क्या कहा अब विवेक ने भी शर्ट पहनना बंद कर दिया? ......अरे बातो बातो मे हम तो भुल गये की बात "सरकार" हो रही थी. सुपर सरकार "बाल ठाकरे" ने "सरकार" के प्रदर्शन की अनुमती दी है? माजरा क्या है ? अजी कुछ नही है, जब लालु "पद्म्श्री लालु प्रसाद यादव" की अनुमती दे सकते है, तो ठाकरे क्यो नही ?

मुशरर्फ साहब फरमा रहे थे, कश्मीर समस्या का समाधान एक सप्ताह मे सम्भव है. माजरा क्या है ? अजी कुछ नही. मर्ज भी वही है दवा भी. या शायद बाप(दरोगा जी) ने कान उमेठ दियें होंगे.

अभी इरान मे चुनाव हुवे, कोंडलीजा राइस ने कहा "चुनाव मे पारदर्शिता का अभाव था", माजरा क्या है ? अजी पारदर्शिता तो तब आती है जब अमरीकी सेना की निगरानी मे चुनाव हों. जैसा अफगानिस्तान मे हुवा था, इराक मे हुवा था.

और चलते चलते .....
आड्वाणी जी की पाकिस्तान मे जिन्ना की मजार पर वाणी "जीन्ना धर्मनिरपेक्ष थे". इसमे गलत क्या है? हाँ जी आडवाणी जी भी तो धर्मनिरपेक्ष है. संघ भी धर्मनिरपेक्ष है.

लेकिन चुनाव तो अभी काफी दूर हैं ! माजरा क्या है ?

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1 टिप्पणियाँ

Jitendra Chaudhary ने कहा…
ये हुई ना बात! मजा आ गया,
हम तो इसको ही आपकी पहली पोस्ट मानेंगे,
जो सीधा दिल से लिखा गया है. सच में बहुत मजा आया पढने मे, एक ही सांस मे पढ गया पूरा.

लगे रहे बरखुरदार! लिखते रहो, बढते रहो, हम तो हइ है पढने वाले और दाद देने वाले