आज शिक्षक दिन है। आज मै जो कुछ भी हुं, अपने शिक्षकों की दी हुयी शिक्षा के कारण। मेरे इन शिक्षकों मे मेरे स्कूली शिक्षकों के अतिरिक्त हर वह व्यक्ति शामिल है जिससे मैने कोई सबक प्राप्त किया है।
जब भी मै अपने शिक्षकों के बारे मे सोचता हुं, सबसे पहले मुझे याद आते है मेरे अपने पापा, जो स्वयं एक शिक्षक थे। उन्होने ही मेरी औपचारिक शिक्षा का आरंभ अक्षर ज्ञान कराया था। हाथों मे कलम पकड़कर स्लेट पर अक्षर लिखना सिखाया था, उसके बाद होल्डर पेन से कॉपी पर लिखना भी।
मेरा बचपन एक छत्तीसगढ़,…
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