क्रिसमस : दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक/धार्मिक बिजनेस का सबसे बड़ा मार्केटिंग उत्सव
बिजनिस मुख्यालय : वेटिकन, इतना शक्तिशाली की देशों सरकारें बदल सकता है। इतना सफल कि विश्व के कोने कोने में बिजनस फैला दिया।
इतना कट्टर कि लाखों की जाने ली, विच हंटिंग, क्रुसेड से लेकर ब्रूनो को जलाने, गैलेलियो को जेल भेजने तक। (बाकी सब ठीक लेकिन ब्रूनो और गैलेलियो के साथ इनके व्यवहार को तो हम कभी माफ करने से रहे।)
दूसरी ओर इतना लचीला कि एक पेगन त्योहार को हाईजैक कर विश्व का सबसे बड़ा उत्सव बना…
विज्ञान के फ़ोरमो, चर्चा समूहों मे अक्सर यह चर्चा चलते रहती है कि सर्वश्रेष्ठ/महानतम वैज्ञानिक कौन है या था ? इस प्रश्न के कुछ रूपान्तरण भी मिलते है जैसे अब तक का या इस सदी का या पिछली सदी का, या इस देश का वगैरह। इसमे यदि विकल्प दिये हुये है तो दो तीन नाम हमेशा मिलेंगे , दो नाम का उल्लेख मै विशेष तौर पर कर रहा हुँ, वे है स्टीफ़न हाकिंग और निकोला टेस्ला। इन दो नामो के विशेष उल्लेख का कारण है, जिस पर चर्चा आगे करते है।
सबसे पहले यह स्पष्ट होना चाहिये कि विज्ञान कोई एक स्थिर या …
19 अक्टूबर को जन्मदिन होने से होता यह है कि हमेशा किसी ना किसी त्योहार के दिन या उसके आसपास आता है। 2017 मे दिवाली को था तो इस बरस दशहरे के दिन।
गार्गी के आने बाद हर बरस दशहरे को रावण का पुतला बनाकर दहन करते है। रावण के बनाने और दहन मे पूरा दिन बीत जाता है, गार्गी के साथ सब का अच्छा खासा मनोरंजन हो जाता है। अब जन्मदिन के साथ रावण दहन मे समय का संयोजन मुश्किल काम। एक दिन पहले ही रावण का ढांचा बना कर रख लिया।
सुबह अलेक्सा की बजाय गार्गी ने जगाया, और पूरा "हैप्पी बर्थडे&qu…
अक्सर लोग मुझसे पुछ लेते है कि कहाँ से हो ?
हम सोच मे पड़ जाते है कि इसका उत्तर क्या दे!
पापा बुंदेलखंड से थे, मम्मी छत्तीसगढ़ से। जन्म दुर्ग छत्तीसगढ़ यानी ननीहाल मे हुआ। लेकिन सारा बचपन झालिया जिला गोंदिया महाराष्ट्र मे बीता। हाईस्कूल आमगांव , गोंदिया से, इंजीनियरींग गोंदिया महाराष्ट्र से की।
बंजारा जिंदगी विरासत मे मिली थी, पापा भी बुंदेलखंड से भटकते हुये महाराष्ट्र मे नौकरी करते हुये भटक रहे थे। वही बंजारा जिंदगी हमारे नसीब मे।
लेकिन हमने इस बंजारा जीवन को अंतराष्ट्रीय स…
2 सितंबर 2015, सोमवार शाम मै वापिस बैंगलोर आने के लिये सपरिवार नागपुर एअरपोर्ट पहुंचा। एअरपोर्ट के अंदर आने पर पीछे से आवाज आई "आशीष भैया!" पीछे मुडकर देखा एक बीस बाईस साल का युवक चला आ रहा है। पास आने पर उसने कहा "पहचाना ? मै ....."! थोड़ा समय लगा उसे पहचानने मे, आखीर मै उसे 17 वर्ष बाद देख रहा था। आखीरी बार जब मैने उसे देखा था तब वो और उसके मित्र गांव की गलियो मे कंचे, गुल्ली डंडा खेलते थे और नहर मे नंग धड़ंग नहाते थे। उसे एअरपोर्ट पर देखकर एक सुखद आश्चर…
और पढ़ें2001-2002 हम गुड़गांव मे एक कंपनी मे काम करते थे। छोटी कंपनी थी, करीब 400 लोग। साफ़्टवेयर कंपनी और वह समय साफ़्टवेयर सेवा कंपनीओ के लिये सुनहरा समय था। औसत आयु लगभग 22-25 वर्ष।
कंपनी मे माहौल किसी कालेज के जैसे ही होता था। काम के साथ मौज मस्ती खूब चलती थी। महाराष्ट्र से होने के बावजूद भी मेरी एक अच्छी खासी मित्र मंडली बन गई थी, जिसमे कुछ लड़कीयाँ भी थी।
हमारी छवि उन दिनो मे भी एक टेकी, नर्डी बंदे की थी। हमारे क्षेत्र मे कोई भी समस्या का तुरंत हल रहता था हमारे पास, जिससे सारी कं…
कल एक मित्र से अवसाद पर चर्चा हुई और मुझे अपना अवसाद वाला एपिसोड याद आ गया।
अप्रैल/मई 2012 हम लोग उस समय सिडनी आस्ट्रेलिया मे थे।
मेरा प्रोजेक्ट समाप्त हो गया था, पोस्ट प्रोडक्शन सपोर्ट का काम था, वह भी बैंक का तो कभी भी फोन आ जाते थे। कुल मिलाकर 24x7 अलर्ट रहना होता था। कुल मिलाकर तनाव वाला काम था।
उन्ही दिनो मुझे अचानक गैस, एसीडीटी संबंधित समस्या होने लगी। जैसे ही पेट खाली होता अचानक पेट फूलने लगता, खट्टी डकारे , बैचेनी होती थी। कुछ खाने या एंटासीड लेने पर राहत मिलती थी। …
1993: कालेज मे इंजीनियरींग का प्रथम वर्ष। भौतिकी प्रयोगशाला, प्रयोग कांच का रिफ़्रेक्टीव इंडेक्स ज्ञात करना। एक टीम मे चार लोग थे। हम लीडर.. परिणाम पहले से ज्ञात था, उत्तर 1.5 आना चाहिये था। टीम के बाकी लोगो को कहा कि तुम लोग शुरु हो जाओ, हम रीडींग(निरिक्षण) तैयार करते है। रिफ़्रेक्ट्रीव इंडेक्स गणना के सुत्र से उल्टा चलते हुये रीडींग के तीन सेट तैयार कर लिये। उपकरणो से थोड़ी देर खेल कुद छेडछाड़ की, प्रेक्टीकल जरनल अपडेट किया और प्रफ़ेसर के पास पहुंच गये। प्रफ़ेसर ने रीडींग देखी …
और पढ़ेंमैं संशयवादी (skeptic) हुँ, किसी भी बात पर विश्वास करने से पहले ठोक बजा लेने की आदत बचपन से बनी है। इन सब से होता यह है कि किसी भी अफवाह की चपेट में आसानी से नही आता। 2002 के आसपास एक मित्र अपोलो 11 के द्वारा चन्द्रमा पर अवतरण को झूठ बताते हुए कुछ लिंक दी, साथ ही में फॉक्स टीवी के एक वृत्तचित्र(डॉक्यूमेंट्री) की लिंक। देखा थोड़ा चकराया, विश्वास हिला। उसके बाद इंटरनेट पर खोजना आरम्भ किया। खोज के शब्द थे Moon Landing Hoax, जितने भी लिंक मिले सारे चन्द्रमा पर अवतरण को गलत बात र…
और पढ़ेंकाजल जी ने गांव मे टाई बांधने वाले की धमक के बारे मे पोस्ट डाली है, हम भी अपना ताजा ताजा किस्सा बताते है। पिछले महिने ही कंपनी ने अमरीका के बिजनेस विजा के लिये चेन्नई भेजा। उन्होने धमका के रखा था कि बिजनेस विजा है, 20 साल से काम कर रहे हो शरीफ़ो के जैसे सूट पैंट टाई लगा कर जाना, आफ़िस नही है, जैसे बने वैसे चले आये..!
2013 मे आस्ट्रेलिया से लौटने के बाद टाई नही बांधी थी। फ़ोटो मे तो फोटोग्राफ़र फ़ोटो खींचने के बाद फोटो को टाई, कोट पहना कर बाल भी बना देता था। लेकिन यहाँ तो काउंसले…
17 बरस! प्रवीण से पिछली बार उसकी शादी में 2002 में मिला था। उसके बाद मे कई बार अमरीका आया, प्रवीण भारत आया लेकिन हम लोग किसी ना किसी वजह से मिल नही पाए। इस बार मेरी योजना दो सप्ताह रिचमंड वर्जीनिया, दो सप्ताह प्लानों टेक्सास की थी।
लेकिन मुझे प्लानों में जिससे मिलना था वह कम्पनी छोड़ गया। मेरी पूरी योजना खटाई में।
लेकिन बाद में सोचा कि एक सप्ताह अपनी टीम से ही मिल लेता हूँ। टिकट बुक कराई औऱ पहुंच गए टेक्सास।
प्रवीण पहले दिन खाना लेकर आया जिसको हमने तीन दिन तक खाया। शुक्रवार …
श्रीवास्तव जी, इनबॉक्स में प्रकट हुए , कहने लगे कि तुम कायस्थ हो, पढ़े लिखे हो, अपने धर्म और पूर्वजो के ज्ञान का मजाक उड़ाते हो। चित्रगुप्त वंशजो को शोभा नही देता। पश्चिम में जो भी खोज हो रही है हमारे ग्रंथो में पहले से मौजूद है।
हम उनके आशय को समझ गए और उनका शिकार उन्ही के हथियार से करने की सोची।
हम बोले: आप भी कायस्थ है, घर मे किताबे तो होंगी ही।
वे : बहुत सी है..
हम : वेद तो आपने पढ़े ही होंगे..
वे: ....
हम : अच्छा वेदों का भाष्य, अनुवाद पढ़ा ही होगा।
वे: ....
हम : छोड़िए वेद…
1986-87 का समय होगा, रिलायंस क्रिकेट विश्वकप के आसपास का समय। हम कक्षा 6 में थे। स्कूल से वापिस आने के बाद अंधेरा होते तक झालिया गांव में चौक के पास खेलते थे। चौक पर एक बड़ा बरगद का पेड़ है, वही बसे रुकती है, कुछ चायपान की दुकान, साइकल मरम्मत केंद्र थे। खेलो में वालीबॉल, कबड्डी प्रमुख होते थे, लेकिन अब विश्वकप बुखार की चपेट में आकर क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। अंधेरा होने के बाद सारी मंडली बतियाते हुए तालाब या पास की नहर तक जाते थे, वहां मित्र मंडली नहाने , शौच जैसे काम निप…
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