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खाने के चोंचले



हम सर्वाहारी है। हर वो चीज खा सकते है जो परोसी गई हो। फिर भी अब तक बीफ और पोर्क से दूर रहे है।

कारण यही है कि जिस माहौल में पले, बढ़े उसमे ये दोनों चीजे खाने की मनाही थी, वही बाद में रूढ़ी हो गई और इन्हें खाने की कभी इच्छा नहीं हुई, बस कोई विकल्प खोज कर खा लिया।एक लम्बा अरसा विदेशों में बिताया है। इस दौरान अकेला रहा हूं या निवेदिता के साथ, लंच  अधिकतर घर से टिफिन में ले जाता रहा हूं।

ऑफिस में अधिकतर शाकाहारी लंच ही ले कर जाता रहा हूं। इस दौरान कई बार ऐसा हुआ है कि भारत से कोई कलिग आया है जो शाकाहारी है। उसके लिए शाकाहारी खाना खोजना मुसीबत रही है।

इनमें से कुछ ऐसे मिले जिसे ऐसे रेस्तरां में नही खाना जहां मांसाहारी खाना भी मिलता हो। कुछ को ऐसा रेस्तरां चाहिए जिसमे शाकाहारी खाना अलग बर्तन में  पकता हो।

इससे महान वो थे जिन्हें शाकाहारी खाना तो चाहिए लेकिन देशी, मतलब रोटी सब्जी, चावल दाल टाइप।

इन सबमे होता यह था कि उन्हें मै अपना टिफिन दे देता था और उनसे अपने लिए खाना खरीदवाता था।

शाम के लिए उन्हें किसी देशी स्टोर जाकर रेडी टू इट खरीदवा देता था। कुछ को माइक्रोवेव में चावल दाल या सब्जी बनाने के तरीके सिखाए है। कुछ को पीट्टा , तोरतिया को सब्जी, अचार, सॉस के साथ खाना सिखाया।

गनीमत रही कि कोई बैगन नहीं टकराया, वरना अगली फ्लाइट से वापिस भिजवाता।

शाकाहारी खाना हर जगह मिल जाएगा, बस स्वाद पर समझौता करना होता है। जब पीटा (ग्रीक रोटी) मिल रहा हो तो चपाती मत मांगिए। फ़लाफ़ेल मिल रहा हो तो दाल चावल की उम्मीद ना करे। सब वे में वेज सैंडविच(सब) मिल जाता है।

किस्सा 1 : ग्वांझाऊ चीन,2012

मैं और निवेदिता सिडनी से भारत आए थे। पैसे बचाने चाइना एयरलाइन्स से राउंड ट्रिप टिकट ले ली थी जो वाया ग्वांझाऊ थी। सिडनी से भारत तो आ गए। मुसीबत वापसी में हुई। 

दिल्ली से ग्वांझाऊ वाली हमारी फ्लाइट कैंसल हो गई। रात में पास के होटल में ठहराया और सुबह अगली फ्लाइट से ग्वांझाऊ भेजा। अब ग्वांझाऊ से सिडनी की अगली फ्लाइट छूट गई। इस बार उन्होंने जिस होटल में ठहराया वहां रात में केवल नूडल्स थे, वो भी या तो पोर्क या बीफ वाले। रात का एक बजा था, सुबह नौ की फ्लाइट थी तो भारत से लाए नमकीन, बिस्किट खा कर सो गए।

सुबह आमलेट, ब्रेड, डम्पलिंग का दबाकर नाश्ता किया। रात में भूख तेज नहीं थी, थके थे वरना वो नूडल्स भी खा लेते।

किस्सा 2 : नॉर्थ सिडनी,2010

एक छोटी ट्रिप पर अकेले सिडनी पहुंचा था। सिडनी से अच्छी तरह से परिचित था तो खाने पीने का सामान भारत से नहीं लाया था।

एक रात आठ बजे ऑफिस से पैदल नॉर्थ सिडनी के लिए निकला। लगभग 6से 7 किमी की दूरी थी, ट्रेन , बस टैक्सी उपलब्ध थी लेकिन हार्बर ब्रिज को पैदल पार करने का अपना मजा है, रास्ते में हार्बर ब्रिज से ओपेरा हाउस और बड़े पैसेंजर शिप्स भी दिखते है।

एक जगह रूककर फ्राइड राइस का फ्रोजन पैकेट खरीदा और होटल पहुंचा। पैकेट फाड़ा, कटोरे में डालकर माइक्रोवेव में गर्म करने रख दिया।

जैसे ही खाने के लिए चम्मच डाली कुछ लाल टुकड़े दिखे।

 डस्टबिन से पैकेट उठाया तो पता चला कि हम वेज फ्राईड राइस की जगह पोर्क फ्राइड राइस उठा लाए है। भूख लगी थी, नॉर्थ सिडनी में रात के आठ बजे के बाद सब बंद हो जाता है। पैदल चलकर आया था तो थका हुआ था। 

सारे पोर्क के टूकड़े जो अलग हो सकते थे वो अलग किए। बचे चावल खा गए। भूखे रहना अपने स्वभाव में नही। बस तब से अब तक हम कोई भी खाने का हर पैकेट कार्ट मे रखने से पहले अच्छे से देख लेते है कि जो उठा रहे है वो खाया जा सकता है या नहीं। 

कुछ और किस्से 

शाकाहार, मांसाहार, और वेगन, मेरे पास इनसे जुड़े किस्सो की भरमार है। 

मेरा तमिल ब्राह्मण मित्र सुब्बु शाकाहारी है। वो अंडा तक नही खाता। अपनी पहली न्यूयॉर्क ट्रिप में चिकन बर्गर छोड़ तीन दिन तक चीज बर्गर खाता रहा। जब मुझे पता चला तो उस गरीब को बताया कि उसकी चीज बर्गर की पैटी वास्तव में बीफ की होती है। 

ऐसे ही एक गुजराती शाकाहारी मित्र नीलाम्बर सिडनी में फ्रूट पंच योगर्ट का फैन हो गया तब उसे बताया कि उसमे जिलेटिन होता है। उसके बाद उसे ग्रीक स्टाइल वाला योगर्ट दिखाया।

बर्गर किंग के वेज बर्गर की चीज में रेनेट होता है। रेनेट मतलब बछड़े की आंत से निकाला हुआ एंजाइम।

वैसे ही MacD के फ्रेंच फ्राइज में एनिमल फैट होता ही है।

अब आदत सी हो गई है मेनू में, पैकेट पर कंटेंट्स को अच्छे से पढ़ो उसके बाद आर्डर करो।

मुश्किल नही होती, बस पांच मिनट ज्यादा लग जाते है। 😊



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