विनीत बाजपेयी का नव मत्स्य पुराण तीन किताबों की शक्ल में पढ़ा।
किताब लिखने के लिए सामग्री
- थोड़ा डैन ब्राउन को पढ़िए, नाइट टेम्पलर, न्यू वर्ल्ड आर्डर, इल्युमिनाटी, फ्री मेसान्स वगैरह से जुड़ी कांस्पिरेसी निकालिये।
- अब आचार्य चतुरसेन शास्त्री की ओर रुख कीजिए, उनकी शैली, कल्पनाशीलता को समझिये।
- पी एन ओक महाराज के तथाकथित इतिहास का अध्ययन करें।
- अब अमिश त्रिपाठी की ओर मुड़े। उनके द्वारा छोड़े गए विषयो को देखे, वो नव शिव पुराण रच चुके है, नव रामायण लिख रहे है। कुछ और देखिए। कुछ और सस्ते डैन ब्राउन नुमा लेखकों पर नजर दौड़ाईये।
- हिस्टीरिया चैनल पर एसेंट एलियन देख लीजिए।
- दक्षिणपंथी कांस्पिरेसी , मैकाले गाथा, आर्य मिथक जैसे मसाले खोजीये।
किताब लिखने की विधि
अब इन सबको को घोट कर एक नया पुराण लिखिए। इन उपन्यासों में बाजपेयी साहब ने नव मत्स्य पुराण लिखा है। हड़प्पा संस्कृति में प्रलय लाई है। तिरपाठी जी जहां अपने पात्रों को मानवीय रखते है, यहाँ पर वे अर्ध मॉनव, अर्ध देवता, अर्ध दानव भी है। कहीँ कहीँ पर एलीयन होने के सङ्केत भी है।
कहानी में हड़प्पा संस्कृति की नई व्याख्या है, भारत मे पुर्तगाल , ब्रिटिश आक्रमण के नए कारण है। मैकॉले शिक्षा पद्धति की बुराई है। डैन ब्राउन के उपन्यासों के सारे विलेन जैसे इल्युमिनाटी, न्यू वर्ल्ड ऑर्डर, फ्री मेसान आ जाते है। पुनर्जन्म गाथा है। अघोर पंथ है।
सबसे बड़ी बात इस कहानी में अब्राहमीक धर्म भी आते है, उन्हें असुरो से जोड़ा गया है। अब्राहमीक धर्मो की बुराई से बचा गया है , प्रशंसा भी है लेकिन इस धर्म से जुड़े संघठनो को खलनायक बनाया है और व्यक्तियों को षडयंत्रकारी।
कहानी वैसे सारी दुनिया की सैर करती है लेकिन मुख्य स्थल हड़प्पा और काशी है। काशी में गैंगवार हो रही है, हत्या हो रही है लेकिन पुलिस और प्रशासन गायब है।
निष्कर्ष
- यदि आप कट्टर दक्षिण पंथी, सनातनी है तो आपकी भावनाये आहत हो सकती है दूर रहे।
- यदि आप पी ए ओक साहब के प्रशंसक है, राजीव दीक्षित को मानते है, दक्षिण पंथी है लेकिन कट्टर नही तो ये आपके लिए ही है।
- वामपंथी ना पढ़े, रक्तचाप बढ़ सकता है, मस्तिष्क को क्षति सम्भव है।
- यदि आप मनोरंजन चाहते है, एसेंट एलियन जैसे कॉमेडी सीरियल पसंद करते है तो पढ़ सकते है। बस आपातकालीन स्तिथि के लिए एक ग्लास पानी और दो पैरासिटामोल टेबलेट पास में रखें।
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