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गोल्ड स्पॉट द जिंग थिंग

 ठंडा मतलब कोकाकोला

लहर पेप्सी आहा!

यह सब तो बहुत बाद मे सुना! हम तो उस पीढ़ी से है जिसने  

गोल्ड स्पॉट द जिंग थिंग !
थम्स अप टेस्ट द थंडर !

सुनते हुए जवानी मे कदम रखे थे!

वैसे जिस गाँव मे पले बढ़े वहाँ ये सब नहीं मिलता था, वहां अनजाने से लोकल ब्रांड मिलते थे, जो रंगीन सोडावाटर होते थे, कीमत थी 1 रूपये, डेढ़ रूपये। गाँव मे ये चाय की टपरी मे ठंडे पानी के मटके मे रखी होती थी। गाँव मे उस समय फ्रिज किसी के पास था नहीं, बिजली कुछ ही घरों मे थी। लिमका,गोल्ड स्पॉट, थम्स अप जैसे ब्रांड शायद पांच छह रूपये मे मिलते थे, वह भी पास के कस्बे आमगांव मे कुछ ही रेस्तरां मे। तो गर्मियों मे मम्मी/पापा की मनुहार के बाद कभी एक दो रूपये मिल जाते थे, जो बर्फगोला, मलाई चुस्की पर खर्च ना कर एक बोतल मे चारों भाई बहन संतुष्ट हो जाते थे। वह भी साल मे एक या दो बार!

लिमका,गोल्ड स्पॉट, थम्स अप जैसी कोल्ड ड्रिंक पहली बार 11 वी/12 वी के दौरान पी होगी, जब हम साइकिल से आठ किमी दूर आमगांव स्कूल जाते थे। वह भी दो बरसों मे अधिकतम दो तीन बार। कालेज के दिनों मे पेप्सी, कोकाकोला आ गए थे, लेकिन हमारी कड़की के दिनों मे समोसे के लिए पैसे नहीं होते थे, कोल्ड ड्रिंक बहुत दूर की चीज थी।

फिर एक समय ऐसा भी आया कि कॉलेज से निकलने के बाद नई नई नौकरियों के दौरान चार पांच साल कोल्ड ड्रिंक खूब पी। इस समय पानी कभी कभार ही पीते थे। नई नई नौकरी, वह भी आई टी मे। गाँव से निकलकर महानगर की हवा लगी थी, पैसे भी ठीक ठाक मिल रहे थे, आम नौकरीयों से ज्यादा ही थे। मुंबई, दिल्ली मे दो दो साल गुजार कर चेन्नई पहुंचे। चेन्नई मे तो कोल्ड ड्रिंक की अति कर दी थी, फ्रिज ले लिया था जो कोल्ड ड्रिंक से भर रहता था।

उसे दौरान 2004 के आसपास कोक या पेप्सी द्वारा द्वारा केरल मे पानी पर एकाधिकार करने की कोशिश की गई, बहुत हो हल्ला हुआ, आंदोलन हुए। विरोध के फलस्वरूप हमने कोल्ड ड्रिंक पीना बंद कर दी!

उसके बाद बरसो हो गए है भारत मे कोई भी कोल्ड ड्रिंक नही पी। कोल्ड ड्रिंक पीने का अवसर भारत से बाहर ही आता है। वहां इसलिए पीते है क्योंकि पानी भी उसी कीमत मे मिलता है। अधिकतर फास्ट फूड जॉइंट में कोल्ड ड्रिंक खाने के साथ कंबो ऑफर मे होता है, रेस्तरां में तो पानी मिल जाता है।

मेरे साथ दो अजीब सी बाते होती है, भारत मे रहते हुए कॉफी और कोल्ड ड्रिंक दोनों से दूरी होती है। भारत से बाहर कॉफी लीटर लीटर पी जाता हूँ। कोल्ड ड्रिंक भी दिन भर एक दो लीटर हो जाती है। भारत मे दो कप चाय और तीन चार लीटर पानी!

कभी कभार ऑफिस मे कोल्ड ड्रिंक मिले तो बैग मे धर लेते है, उसके बाद वह फ्रिज मे पडे हुए किसी मेहमान का इंतजार करते पड़ी रहती है। गार्गी को भी कोल्ड ड्रिंक पसंद नहीं है। उसे एक जल जीरा के स्वाद वाला सोडा "बिन्दु" पसंद है।

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