मै अपने आपको मुम्बई और न्यु आरलेन्स से तुलना करने से रोक नही पाया
१. कुल बारिश
मुम्बई मे (२७ जुलाई) ३७.१ इंच
न्यु आरलेन्स - १८ इंच
२.जनसंख्या
मुम्बई .... १२,६२२,५००
न्यु आरलेन्स .... ४८४,६७४
३.कुल मौत (४८ घन्टो मे)
मुम्बई .....३७
न्यु आरलेन्स ..... १००(?)
४.सुरक्षित बाहर निकाले गये लोग
मुम्बई .....१०,०००
न्यु आरलेन्स ..... उफ ?
५. हिन्सा और गोलीबारी को घटनायें
मुम्बई ..... ०(शुन्य)
न्यु आरलेन्स ..... गिनती नही
६. सेना को घटना स्थल पर पहुंचने मे लगा समय
मुम्बई ..... १२ घन्टे
न्यु आरलेन्स ..... ४८ घन्टे
७. ४८ घन्टे बाद की स्थीती
मुम्बई .....वापिस अपने पैरो पर खडा
५ दिनो बाद तक न्यु आरलेन्स ..... मदद के लिये इतजार, अराजकता, खाना पानी कुछ नही.....
८. सयुंक्त राज्य अमरीका --- विश्व का सबसे ज्यादा अमीर और विकसीत देश
भारत -- एक विकासशिल देश
इस चिठ्ठे से मेरा ये मतलब नही कि भारत आपदा नियत्रंण् मे काफी कुशल है. मेरा ये कहना है कि दुनिया को उपदेश देने वाले अपने गिरेबान मे झांक कर देख ले।
मानवाधिकार के दारोगा को अपने नागरीको के मानवाधिकार नही दिख रहे है, ८ दिन बाद भी पानी पर लाशे तैर रही है।
केन्द्रीय सरकार और सेना राहत कार्य के लिये लिये औपचारिक निमंत्रण का इंतजार कर रही है, जैसे इराकी जनता अमरीका को सद्दाम हुसैन से बचाने के लिए भेजा था !
मैने अपना टी वी बन्द कर दिया है कुछ दिनो के लिये !
13 टिप्पणियाँ
--मानोशी
मेरा चिठ्ठा, “ठेले पे हिमलय” 9वीं या 10वीं कक्षा के हिन्दी के एक पाठ का नाम हैं।
धन्यवाद!
आइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।
ref: http://indianscifiarvind.blogspot.com/2011/03/blog-post_14.html
खैर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकत है कि एक कारण यह भी है कि न्यू ओरलिंस एक तुलनात्मक रूप से गरीब जनबसती है ... यहाँ का ज्यादातर अमरीकी-अफ़्रीकी जनसमुदाय उतना शक्तिशाली या वित्तशाली नहीं है जितना कि दूसरी जगह के लोग ...
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समीरलाल की उड़नतश्तरी।
अंधविश्वास की शिकार महिलाऍं।
मैंने काफी जगह आपका मेलआईडी खोजा, पर मिल नहीं पाया। कृपया मेरी मेल आईडी zakirlko@gmail.com पर संपर्क करने का कष्ट करें।
सादर
जाकिर अली रजनीश