अब मेरी तो समझ मे नही आ रहा है कहां से शुरू करें ! कहानी पूरी फिल्मी है, फ्लैश बैक मे ले जाउं या सीधे शुरूवात से ले जाउं। ऐसे भी इस मामले मे हम थोडे अनाडी है। वैसे ठीक ही है वर्ना अब तक बर्बाद(शादी) हो गये होते !
अब किस्सा कुछ ऐसा है कि चेन्नै मे मै दो और छडो(सुखी/क्वांरो) के साथ रहता हुं। जब इन दोनो महाशयो को मेरी कम्पनी (विप्रो) मे नौकरी मिली थी, तब मै इन दोनो का बास था। तब मै अकेला रह रहा था। इन लोगो की खुशकिस्मती या बदकिस्मती समझे, मैने इन लोगो से पूछा कि क्या वे मेरे स…
आज मैने अपनी जिन्दगी के उन्तीस साल पूरे कर लिये। बचपन मे मेरा जन्मदिन काफी धुमधाम से बनता था। घर मे सबसे बड़ा था उपर से पूरे मुहल्ले मे अकेला लड़का। काफी आनन्द आता था। हमेशा इंतजार रहता था, हम एक दिन के शंहशाह होते। हर फरमाईस पूरी की जाती। घर मे उपहारो का ढेर लग जाता था। पापा मम्मी और बहने तो रह्ते ही थे, साथ पापा के स्कुल से सभी शिक्षक सहकर्मी भी आते थे।
ये सिलसीला खत्म हुवा मेरे कालेज मे पहुंचने के बाद। उसके बाद तो कुछ ऐसा हुवा कि जन्मदिन पर घर पहुंचना मुश्किल जाता था। लेक…
चल उड जा रे पंछी कि अब ये देश हुआ बेगाना खतम हुवे उस डाली के जिस पर तेरा बसेरा था आज यहां और कल हो वहां ये जोगी वाला फेरा था सदा रहा है इस दुनिया मे किसका आबो दाना चल उड जा रे पंछी कि अब ये देश हुआ बेगाना
भारत वालो मै आ रहा हुँ, अमरीका वालो मै जा रहा हूँ। यहाँ क्लीवलैंड मे मेरा काम खत्म हो गया है, और हमने अपना बोरीया बिस्तर बांध लिया है। बस कुछ दिनो का और इंतजार 15 अक्तुबर को हम चल दिये वापिस।
वैसे मै अमरीका अक्सर आते जाते रहता हुं लेकिन ज्यादा समय के लिये नही, 6 सप्ताह से लेकर…
जब बात छेड( सुनील जी, इस्वामी जी, जितु जी, अतुल जी……)दी गयी है तो हम भी आ जाते है मैदान मे।
मै हिन्दी क्यों लिखता हुं ?
ये प्रश्न ही गलत है ! जबकि होना ये चाहिये मैं हिन्दी क्यों ना लिखुं ?
मेरा दिमाग ही हिन्दी मे चलता है। अंग्रेजी तो उसी वक्त याद आती है, जब सुनने वाले को हिन्दी ना आती हो। मेरे रगो मे हिन्दी रची बसी है। हिन्दी माध्यम से पढा हुं। बचपन से लेकर अब तक हिन्दी सुनी है, देखी है।
मैं हिन्दी मे लिखता हुं, पढ़ता हुं, बात करता हुं क्योंकि मुझे अच्छा लगता है। मुझे लगता …
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