कंपनी मे माहौल किसी कालेज के जैसे ही होता था। काम के साथ मौज मस्ती खूब चलती थी। महाराष्ट्र से होने के बावजूद भी मेरी एक अच्छी खासी मित्र मंडली बन गई थी, जिसमे कुछ लड़कीयाँ भी थी।
हमारी छवि उन दिनो मे भी एक टेकी, नर्डी बंदे की थी। हमारे क्षेत्र मे कोई भी समस्या का तुरंत हल रहता था हमारे पास, जिससे सारी कंपनी मे सभी मुझे अच्छे से जानते थे, हर किसी से मित्रवत संबध थे।
एक दिन कपिल महाशय आये, बोले "यार तेरे से एक काम है ? बोल करेगा क्या ?"
कपिल महाशय दिलफ़ेंक इंसान थे, कन्याओं के आगे पीछे घूमते रहते थे। लेकिन मुझे लगा कि मेरे पास आया है तो किसी टेकी समस्या के लिये ही आया होगा। हमने बोला, काम बताओ, हमारे बस का होगा तो कर देंगे।
कपिल : "मुझे सुनयना की जन्म तारीख पता करनी है ?" (*नाम बदल दिया है।)
हम : "यार इसमे मै क्या करुंगा ? तु सीधे जाकर उससे पुछ ले ना!"
कपिल : "नही यार , बड़ी अकडु लड़की है! नही बतायेगी। एच आर को बता दिया तो मेरी लग जायेगी!"
हम :"अबे तो मेरी क्यों वाट लगा रहा है ?"
कपिल : " यार तु उससे पुछेगा तो बता देगी, तेरी उससे अच्छे से बनती है!"
हम :"अबे तो जन्मतारीख कैसे पुछुंगा ? उसको क्या लगेगा ?"
कपिल :"कुछ कर यार!"
हम : "ठीक है, कुछ सोचते है!"
मुझे अपना एक पुराना ज्योतिष साफ़्टवेयर याद आया। ये साफ़्टवेयर जन्मकुंडली बनाता था। नाम, जन्मतिथि समय, लिंग, जन्मस्थान की जानकारी देने पर कुंडली बना देता था। साथ मे भविष्य भी बताता था। जन्मकुंडली तो सही बनाता था लेकिन भविष्यवाणी मे कुछ भी रैंडम बना कर दिखा देता था।
उसकी भविष्यवाणी मे सब कुछ मीठा मीठा ही होता था, जैसे - " आप बहुत मेहनती है, लेकिन मेहनत का पूरा फ़ल नही मिलता है। आप सब पर विश्वास करते है लेकिन लोग आपके विश्वास का गलत फ़ायदा उठाते है। आप का वर्तमान समय कठिन है लेकिन अगले एक-दो वर्षो मे सुनहरा समय आपका इंतजार कर रहा है!"
इस साफ़्टवेयर का सोर्स कोड खोज निकाला। उसमे कुछ बदलाव किये जैसे कि प्रेमसंबधो और वैवाहिक जीवन की भविष्यवाणी। ये भी सब मनबहलाव वाला था, मतलब कि कुछ भी बना कर दिखा दो, बस ध्यान रखो की सब कुछ मीठा मीठा ही हो। लेकिन इस भविष्यवाणी के लिये उपयोगकर्ता को अपने प्रेमी/प्रेमिका/पति/पत्नि का नाम भी देना होगा।
दूसरा बदलाव यह किया कि उपयोग कर्ता की सारी जानकारी वह मेरे कंप्युटर पर भेज देगा। उपयोगकर्ता को केवल जन्मकुंडली और भविष्यवाणी दिखेगी, उसे पता भी नही चलेगा कि पीठ पीछे उसकी सारी जानकारी मेरे पास पहुंच चुकी है।
नये साफ़्टवेयर को अच्छी तरह से टेस्ट किया। सब कुछ ठीक ठाक लगा तो उस साफ़्टवेयर को उस लड़की के साथ कुछ और मित्रो को भेज दिया। साफ़्टवेयर भेजने के पंद्रह मिनट मे ही उस लड़की का सारा कच्चा चिठ्ठा मेरे पास था।
लेकिन जनता रूकी नही, उन लोगो ने साफ़्टवेयर अपने मित्रो के पास भेजा। शाम तक यह हाल था कि मेरे पास कंपनी की 90% लड़कीयों का बायोडाटा था और 50% लड़को का। लड़के पता नही केवल इसे अग्रेषित कर रहे थे, प्रयोग नही कर रहे थे। जबकि लड़कीया प्रयोग कर रही थी लेकिन आगे नही भेज रही थी।
शाम को कपिल आया! पूछा काम हो गया! हमने कहा हो गया लेकिन पहले पार्टी! पित्जा मंगवाया गया, भोग लगाया गया। उसके बाद हमने डाटाबेस खोला। उस कन्या की जन्मतिथि देखी कपिल को बताई। अचानक मेरी नजर प्रेमी/प्रेमिका/पति/पत्नि पर पड़ी, वह कालम खाली नही था और उसमे कपिल का नाम होने की कोई संभावना तो थी ही नही।
उस कालम को कपिल से बचाने की कोशिश की लेकिन उसकी भी नजर पड़ गई। भाई साहब का मूड आफ़ हो गया।
बोले :"आशीष! ये काम तुने अच्छा नही किया!"
हम :" अबे इसमे मै क्या कर सकता हुं। मैने थोड़े ही डाटा डाला है!"
कपिल महाशय का 400 रूपये का चूना लग गया था, भूनभूनाते हुये पैर पटकते हुये चले गये।
दस कदम गया होगा कपिल वापिस आया। बोला "यार ये डाटाबेस मुझे दे दे ?"
हम :" अबे तु इसका क्या करेगा ?"
कपिल :"अबे इसमे सारी सिंगल लड़कीयो की जानकारी भी है, वो गई तो क्या हुआ बाकी की जानकारी काम आयेगी!"
हम :"आंय़!"
1 टिप्पणियाँ